वर्जीनिया वुल्फ़ लेबल वाली कोई पोस्ट नहीं. सभी पोस्ट दिखाएं
वर्जीनिया वुल्फ़ लेबल वाली कोई पोस्ट नहीं. सभी पोस्ट दिखाएं
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ (Atom)
लोकप्रिय पोस्ट
-
विवेकी राय हिन्दी ललित निबन्ध परम्परा के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं. इस विधा में उनकी गिनती आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदि, विद्यानिव...
-
गांव की ईट की इन भट्ठियों में रहकर उनकी तपन सहकर और फिर भी इन घरों के प्रति अथाह राग रखकर हम डार्विन के श्रेष्ठतम की उत्तर जीविता को निरंतर ...
-
कुबेरनाथ राय के लेखन का तीसरा विषय-क्षेत्र है µ रामकथा इसमें वे खूब रमे हैं। उन्होंने इस विषय पर तीन स्वतन्त्र किताबें ही लिख डाली हैं। ‘...
-
वासुदेव शरण अग्रवाल मेरे प्रिय लेखकों में एक हैं। भारतीय संस्कृति की मेरी थोड़ी बहुत समझ जिन लेखकों को पढ़कर बनी है, वे उनमें से...
-
सनातन नदी : अनाम धीवर कुबेरनाथ राय भगवान् बुद्ध जब तरुण थे, जब उनकी तरुण प्रज्ञा काम, क्रोध, मोह के प्रति निरन्तर खड्गहस्त थी, त...
-
भारतीय परंपरा सृष्टि के कण-कण में ईश्वर का निवास मानती है । समूची सृष्टि में ईश्वर के निवास का अर्थ है इस समूची सृष्टि के प्रति ईश्वर के स...
-
वक्त सुनाता रहा बोलना शब्द-प्रतिशब्द टटोलता रहा आहट हर एक पद-चाप की झांकता रहा हर नीम अँधेरे कोने में पर वक्त फिसलता रहा धीरे-धीरे ...
-
आचार्य वासुदेवशरण अग्रवाल विभिन्न ज्ञानानुशासनों के सम्पुंजित विग्रह हैं। भारतीय धर्म, दर्शन, साहित्य, कला, इतिहास तथा भू-तत्व और लोक-विद्या...
-
इस बहुरूपिया समय में हम एकरूपता के आदी होगए हैं। आम खाना है तो लंगड़ा दशहरी मलदहिया केसर जैसे दो चार नाम, पार्टी करनी है तो कुछ फास्टफुड या ...
-
बैशाख फिर आ गया। यह जब भी आता है तो मेरे लिए अपनी झोली में उल्लास भर लाता है। बैशाख और उल्लास ! अजीब बात है न। दुनिया जहाँ को तो सारा राग-र...