घर-घर शिक्षा दीप जलाकर
अपना फर्ज निभाएंगे
नहीं रहेगा एक निरक्षर
विश्व गुरु कहलाएंगे ll
हम भारत के नए प्रणेता
नई क्रांति हम लाएंगे ll
नहीं रहेगा कोई अनपढ़
कौशल सभी सिखाएंगे
आसपास के जन-जन को हम
अक्षर ज्ञान कराएंगे ll
हम भारत के नए प्रणेता
नई क्रान्ति हम लाएंगे ll
सबका जीवन जगमग होगा
अक्षर ज्योति जलाएंगे
यही आज का धर्म हमारा
भेदभाव मिट जाएंगे
हम भारत के नए प्रणेता
नई क्रांति हम लाएंगे ll
नहीं रहेंगे भूखे नंगे
दर-दर घूम रहे भिखमंगे
मिट्टी में शब्दों की खुशबू
खेतों में तब अंक उगेंगे
हम भारत के नए प्रणेता
नई क्रान्ति हम लाएंगे ll
हरा भारत तब होगा
स्वच्छ हवा हम पाएंगे
कूड़ा-करकट झगड़ा-झंझट
मिटा चेतना लाएंगे
हम भारत के नए प्रणेता
नई क्रान्ति हम लाएंगे ll
ज्ञान और विज्ञान साधना
सक्षम सब हो जाएंगे
शिक्षा का आसेतु हिमालय
परचम हम लहराएंगे
हम भारत के नए प्रणेता
नई क्रान्ति हम लाएंगे ll
अक्षर की किरणें निकलेंगी
शब्दों के बादल बरसेंगे
होगा जग में नया सवेरा
ज्ञान क्षितिज पर हम चमकेंगे
हम भारत के नए प्रणेता
नई क्रान्ति हम लाएंगे ll
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